डीएनए जांच से हो रही अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों की पहचान

हेल्थ भास्कर: 17 जून 2025,अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए भयावह विमान हादसे के बाद सबसे बड़ी चुनौती मृतकों की पहचान करना बन गई है। शव बुरी तरह जलने और क्षत-विक्षत होने के कारण उनकी शिनाख्त पारंपरिक तरीकों से संभव नहीं हो पा रही है। ऐसे में डीएनए टेस्टिंग ही एकमात्र सटीक उपाय बनकर उभरी है।
डीएनए टेस्ट क्या होता है?
डीएनए (DNA) यानी डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड हमारे शरीर की आनुवांशिक जानकारी को संजोने वाला एक अणु है। हर व्यक्ति का डीएनए अद्वितीय होता है, ठीक उसी तरह जैसे फिंगरप्रिंट। डीएनए जांच में शव के अवशेषों (जैसे हड्डी, दांत या बाल) से डीएनए सैंपल लिया जाता है और फिर उसकी तुलना संभावित परिजनों के डीएनए सैंपल से की जाती है।
कैसे हो रही है पहचान?
एनआईएएल और एफएसएल की टीमें घटनास्थल से अवशेष एकत्र कर रही हैं। परिजनों से ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं। दोनों सैंपल्स की मैचिंग प्रक्रिया अत्याधुनिक डीएनए एनालाइज़र मशीनों से की जा रही है। जिनकी रिपोर्ट 95% से अधिक मिलान दर्शाती है, उन्हें पहचान के लिए स्वीकृत किया जा रहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अब तक लगभग 119 शवों की डीएनए मिलान से पुष्टि हो चुकी है, जबकि 76 शव परिवारों को सौंपे गए हैं,अन्य की रिपोर्ट प्रक्रियाधीन है। पीड़ित परिवारों को सहायता और त्वरित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष हेल्पडेस्क भी स्थापित किया गया है।