गुजरात में चांदीपुरा वायरस का कहर: बच्चों पर मंडरा रहा खतरा, जानें लक्षण और बचाव

हेल्थ भास्कर : गुजरात में बीते कुछ दिनों से चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के कारण कई बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस अन्य राज्यों में भी फैल सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में हर किसी को इस वायरस से बचाव के उपाय और इसके लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस एक वेक्टर जनित (मच्छरों से फैलने वाला) वायरस है, जिसे पहली बार 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में पहचाना गया था। यह वायरस मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और मच्छरों के काटने से फैलता है।
चांदीपुरा वायरस के प्रमुख लक्षण
- अचानक तेज बुखार
- सिरदर्द और उल्टी
- कमजोरी और थकान
- दौरे (सीज़र्स) आना
- बेहोशी की स्थिति
- न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं (मस्तिष्क से संबंधित समस्याएं)
कैसे फैलता है यह वायरस?
चांदीपुरा वायरस मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से फैलता है। खासतौर पर मानसून के दौरान और उसके बाद यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है। मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित कदम न उठाने पर इसका खतरा बढ़ सकता है।
चांदीपुरा वायरस से बचाव के उपाय
मच्छरों से बचाव करें – घर और आसपास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें। मच्छरदानी और रिपेलेंट्स का उपयोग करें।
व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें – साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
मजबूत इम्यूनिटी बनाएं – संतुलित आहार लें और भरपूर पानी पिएं ताकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे।
तेजी से इलाज कराएं – यदि किसी बच्चे में ऊपर दिए गए लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बच्चों में किसी भी तरह के असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी मच्छर नियंत्रण कार्यक्रम तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। आम जनता को भी जागरूकता बढ़ाने और आवश्यक सावधानियां बरतने की जरूरत है ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।