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7 सेंटीमीटर चेहरे में घुसे औजार को बिना नस क्षति निकाला – रायपुर के ENT विशेषज्ञों ने रचा चिकित्सकीय कीर्तिमान

Healthbhaskar.comरायपुर, 18 जुलाई 2025 ,पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल, रायपुर के ईएनटी विभाग की टीम ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक अत्यंत जटिल और जीवनरक्षक सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक नया कीर्तिमान रच दिया।

कोरबा जिले के ग्राम मधुनारा से आए 14 वर्षीय बालक के चेहरे में दुर्घटनावश 17.5 सेमी लंबा लोहे का तीरनुमा औजार घुस गया था, जिसमें से 7 सेमी हिस्सा चेहरे और गले के अंदर तक धंसा हुआ था। यह औजार पैरोटिड ग्रंथि (मुख्य लार ग्रंथि) को भेदते हुए, खून की मुख्य नलियों के निकट से होते हुए रीढ़ की नसों (पैरास्पाइनल स्पेस) तक जा पहुँचा था।

इस अत्यंत जोखिम भरी सर्जरी का नेतृत्व ENT विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा द्वारा किया गया तथा उनके साथ डॉ. दुर्गेश गजेन्द्र, डॉ. अंकुर कुमार चन्द्राकर, डॉ. प्रियंका साहू (PG छात्रा), और एनेस्थीसिया विभाग की डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. अमृता, तथा डॉ. नीरज (PG छात्र) मुख्य रूप से टीम में शामिल थे।

डॉ. बंजारा ने बताया की ऑपरेशन के दौरान लार ग्रंथि को हटाते हुए चेहरे की नस (फेशियल नर्व) के बीच से गुजरते हुए औजार को निकाला गया। थोड़ी सी भी चूक से मरीज को लकवा, अत्यधिक रक्तस्राव या जान का खतरा हो सकता था, लेकिन टीमवर्क और अनुभव ने इसे संभव बना दिया एवं इतनी जटिल सर्जरी के बाद बालक की स्थिति अब पूरी तरह स्थिर है और वह स्वस्थ रूप से उपचार की दिशा में अग्रसर है।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने ENT विभाग को बधाई देते हुए कहा की यह सर्जरी न केवल तकनीकी दक्षता का उदाहरण है बल्कि हमारी चिकित्सकीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अम्बेडकर अस्पताल लगातार उत्कृष्ट सेवा देने के लिए प्रयासरत है और आगे भी निरंतर जारी रहेगा। मरीज के परिजनों ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जटिल सर्जरी इतनी दक्षता से संभव होगी। उन्होंने डॉक्टरों की टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।

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