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बॉन्ड पोस्टिंग में देरी और वेतन विसंगति से त्रस्त युवा डॉक्टर्स -JDA एसोसिएशन ने सरकार से की न्याय की मांग

Healthbhaskar.comरायपुर, 18 जुलाई 2025,छत्तीसगढ़ के शासकीय मेडिकल कॉलेजों से पीजी (MD/MS) डिग्री प्राप्त कर चुके सैकड़ों युवा विशेषज्ञ डॉक्टर सरकार की नीतियों से त्रस्त होकर अब मुखर होते जा रहे हैं। बॉन्ड पोस्टिंग में अनुचित विलंब, वेतन विसंगति, और उच्च शिक्षा में बाधा जैसी समस्याओं के चलते डॉक्टर मानसिक, सामाजिक और आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर जुड़ा एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने मोर्चा खोलते हुए राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई की माँग की है।

JDA एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने बताया कि परीक्षा उत्तीर्ण हुए 5–6 माह बीत चुके हैं, लेकिन इन डॉक्टरों को आज तक पोस्टिंग नहीं मिली है। परिणामस्वरूप उन युवा डॉक्टर्स को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। अध्यक्ष ड़ॉ. रेशम सिंह ने बताया की उन्होंने जीवन के 13-15 वर्ष चिकित्सा सेवा के लिए समर्पित किए हैं। अब जब सेवा का समय आया, तो सरकार की जटिल नीतियाँ रूकावट का कारण बन रही है।

JDA एसोसिएशन प्रमुख माँगे

  • जहाँ अन्य राज्यों में पीजी परीक्षा के तुरंत बाद नियुक्ति मिलती है, वहीं छत्तीसगढ़ में महीनों तक डॉक्टर बिना कार्य के बैठे रहते हैं। माँग की जा रही है कि परिणाम घोषित होते ही सवैतनिक पोस्टिंग दी जाए और देरी की अवधि को सेवा में जोड़ा जाए।
  • MBBS और PG के बाद दो-दो साल की सेवा अनिवार्यता डॉक्टरों की करियर योजना और निजी जीवन को प्रभावित कर रही है। जुड़ा की माँग है कि PG के बाद की बॉन्ड सेवा या तो समाप्त की जाए या अधिकतम 1 वर्ष तक सीमित रखी जाए।
  • छत्तीसगढ़ में ₹50 लाख की भारी-भरकम बॉन्ड राशि से गरीब और मेधावी छात्रों का उच्च अध्ययन बाधित होता है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। माँग की गई है कि इसे ₹5–10 लाख तक यथोचित संशोधित किया जाए।
  • PG दौरान डॉक्टरों को ₹75,000 प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिलती थी, परंतु पोस्टिंग के बाद केवल ₹69,000 वेतन दिया जा रहा है। यह न केवल अनुचित है, बल्कि हतोत्साहित भी करता है। न्यूनतम ₹90,000 मासिक वेतन निर्धारित करने की माँग रखी गयी है।

JDA एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. रेशम सिंह ने स्पष्ट किया की सरकार ने इन माँगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो डॉक्टर सांकेतिक विरोध, जनमाध्यमों के ज़रिए जनजागृति अभियान और न्यायिक हस्तक्षेप जैसे विकल्पों पर विचार करेंगे तथा हमारा संघर्ष केवल वेतन या सुविधा के लिए नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत और न्यायसंगत बनाने के लिए प्रयास जारी रहेगा।

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