जे.एल.एन. चिकित्सालय में मनाया गया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, युवाओं में बढ़ती स्क्रीन लत पर चिंता व्यक्त

Healthbhaskar.com: भिलाई, 12 अक्टूबर 2025 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र, सेक्टर-9 में शुक्रवार को मनोरोग विभाग की ओर से जनजागरूकता कार्यक्रम एवं पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करना और सकारात्मक जीवनशैली को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशलेंद्र ठाकुर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उदय कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, छात्र-छात्राएँ, मरीज एवं आगंतुक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच पर चर्चा
इस वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम पर सेवाओं तक पहुँच एवं आपदाओं एवं आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य इस विषय पर व्याख्यान देते हुए चिकित्सालय के मनोचिकित्सक डॉ. अमित नायक ने बताया कि प्राकृतिक आपदाएँ, दुर्घटनाएँ या सामाजिक-आर्थिक संकट की स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ अत्यंत आवश्यक हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद पीड़ितों में मानसिक असंतुलन, तनाव, अवसाद और भय की स्थिति बन जाती है, जिसे समय रहते पहचानना और उपचार देना जरूरी है।
युवाओं में बढ़ती स्क्रीन एडिक्शन और मानसिक असंतुलन चिंता का विषय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. विनीता द्विवेदी ने कहा कि आज का युवा वर्ग स्क्रीन एडिक्शन, सोशल मीडिया तनाव और जीवनशैली संबंधी विकारों से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में मानसिक असंतुलन तेजी से बढ़ रहा है। योग, ध्यान, संगीत और रचनात्मक गतिविधियाँ मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के सबसे अच्छे उपाय हैं। कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों से अपील की कि वे मोबाइल और सोशल मीडिया पर समय सीमित रखें, परिवार के साथ समय बिताएँ और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अपने मन की बात साझा करें।
नर्सिंग विद्यार्थियों की सशक्त प्रस्तुतियाँ और पोस्टर प्रदर्शनी
बीएससी नर्सिंग विद्यार्थियों ने मंच पर एक विचारोत्तेजक नाटक प्रस्तुत किया जिसमें दिखाया गया कि आपदाओं के बाद लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर किस तरह प्रभाव पड़ता है। वहीं एमएससी नर्सिंग विद्यार्थियों ने मादक द्रव्यों के सेवन (Drug Abuse) के खतरों और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को प्रभावशाली अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। पोस्टर प्रदर्शनी में अवसाद, चिंता, अनिद्रा, आत्महत्या की प्रवृत्ति, मानसिक रोगों के लक्षण एवं उपचार के उपाय पर जागरूकता संदेश प्रदर्शित किए गए। प्रदर्शनी स्थल पर उपस्थित प्रतिभागियों को संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम और सकारात्मक सोच के महत्व से भी अवगत कराया गया।
संवाद सत्र में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों का किया खंडन
संवाद सत्र में विशेषज्ञों ने कहा कि मानसिक रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है और यह कमजोरी नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य स्थिति है जिसका उपचार संभव है। डिप्रेशन, एंग्जाइटी या पैनिक अटैक जैसी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सत्र के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि जे.एल.एन. चिकित्सालय में आधुनिक परामर्श सुविधाएँ, मनोवैज्ञानिक सेवाएँ, और नियमित काउंसलिंग उपलब्ध हैं, जहाँ मरीजों को वैज्ञानिक उपचार और भावनात्मक सहयोग दोनों मिलते हैं।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ (World Federation for Mental Health) द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और मानसिक रूप से बीमार लोगों के प्रति संवेदनशीलता एवं सहयोग की भावना को सशक्त बनाना है।
कार्यक्रम का संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक ,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ ,श्रीमती लता मिश्रा द्वारा किया गया । अंत में मनोचिकित्सक डॉ. राहुल राजीव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और स्टाफ सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी चिकित्सकों और विद्यार्थियों ने यह संकल्प लिया कि वे मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समाज में प्रचारित करेंगे और मानसिक रोगों से जुड़ी सामाजिक धारणाओं को समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।