विश्व फेफड़ा दिवस: फेफड़ों की सेहत के लिए बढ़ते प्रदूषण और धूम्रपान से बचाव है सबसे बड़ी ढाल

Healthbhaskar.com: रायपुर, 23 सितंबर 2025 विश्व फेफड़ा दिवस (World Lung Day) हर साल 25 सितम्बर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को यह याद दिलाना है कि स्वस्थ फेफड़े ही एक स्वस्थ जीवन की नींव हैं। इस वर्ष की थीम “लंग हेल्थ फॉर ऑल” (Lung Health For All) पूरी दुनिया को यह संदेश देती है कि हर व्यक्ति को अपने श्वसन तंत्र की सुरक्षा और देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए। राज्य के प्रख्यात पल्मोनोलॉजिस्ट और आईएलएस हॉस्पिटल रायपुर के रेस्परेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष, डॉ. बी. बालाकृष्णा ने कहा कि बदलती जीवनशैली, बढ़ते प्रदूषण और धूम्रपान की प्रवृत्ति फेफड़ों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अब भी लोग सावधान नहीं हुए तो आने वाले समय में फेफड़े से जुड़ी बीमारियों के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं।
प्रदूषण और धूम्रपान से बढ़ा खतरा
आज देश में वायु प्रदूषण इतनी बड़ी समस्या बन चुका है कि हर साल करीब 17 लाख लोगों की मृत्यु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के कारण हो रही है। इसके अलावा लगभग 12 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं। धूम्रपान करने वाले केवल 30% धुआं स्वयं में लेते हैं और 70% धुआं वातावरण में छोड़ते हैं, जो दूसरों के फेफड़ों तक पहुँचकर उन्हें भी बीमार बनाता है। डॉ. बालाकृष्णा ने जानकारी साझा करते हुए बताया की कि धूम्रपान और प्रदूषण दोनों मिलकर फेफड़ों को धीरे-धीरे कमजोर कर रहे हैं। इसका सीधा असर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के रूप में सामने आता है।
कोविड और मौसमी बीमारियों का असर
कोविड महामारी के बाद बहुत से मरीजों में फेफड़ों का फाइब्रोसिस और ऑक्सीजन स्तर में गिरावट जैसी स्थितियाँ बनी रहीं। वहीं, मौसमी बदलाव, स्वाइन फ्लू और वायरल संक्रमणों ने भी लोगों की सांस लेने की क्षमता को प्रभावित किया है। डॉ. बालाकृष्णा का कहना है कि ऐसे समय में प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और संतुलित खानपान, योग और प्राणायाम जैसे उपाय अपनाना बहुत जरूरी है। डॉ. बालाकृष्णा ने बताया कि फेफड़ों की सेहत बनाए रखने के लिए हमें जीवनशैली में कुछ छोटे लेकिन अहम बदलाव करने चाहिए।
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय
- धूम्रपान से पूरी तरह बचें।
- मास्क का नियमित प्रयोग करें, ताकि प्रदूषण और संक्रमण से बचा जा सके।
- प्राणायाम और योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
- हरी सब्जियां, मौसमी फल और पौष्टिक आहार लें, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत बने।
- नियमित व्यायाम और भाप लेना फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
- घर में संभव हो तो एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पौधारोपण करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।
सामाजिक जिम्मेदारी
डॉ. बालाकृष्णा ने कहा कि फेफड़े हमारे शरीर को प्राणवायु उपलब्ध कराते हैं। यदि यही कमजोर पड़ जाएं तो जीवन कठिन हो जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जन्मदिन, शादी या अन्य अवसरों पर उपहार स्वरूप पौधे भेंट करें, ताकि वातावरण स्वच्छ बने और आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा मिल सके। डॉ. बालाकृष्णा ने कहा की विश्व फेफड़ा दिवस हमें यह संदेश देता है कि फेफड़ों का स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी भी है। प्रदूषण पर नियंत्रण, धूम्रपान से दूरी और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करके ही हम अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं। इस अवसर पर हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि “स्वच्छ हवा, स्वस्थ फेफड़े और स्वस्थ जीवन” को अपनी प्राथमिकता बनाएंगे।