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नीट पीजी 2025: परीक्षा केंद्र दूर मिलने से अभ्यर्थियों में रोष, यूडीएफ ने की नजदीकी केंद्र आवंटन की मांग

Healthbhaskar.com: नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025 नीट पीजी 2025 परीक्षा के लिए दूरदराज़ के केंद्र मिलने से हजारों अभ्यर्थियों में असंतोष व्याप्त है। इसी को लेकर यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (NBEMS) को पत्र लिखकर परीक्षा केंद्र नजदीक आवंटित किए जाने की मांग की है। यूडीएफ का कहना है कि यह विषय न केवल अभ्यर्थियों की सुविधा से जुड़ा है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और परीक्षा प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकता है।

यूडीएफ के चेयरपर्सन डॉ. लक्ष्य मित्तल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अमित व्यास द्वारा भेजे गए इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को उनकी प्राथमिकता के बावजूद दूर-दराज़ के शहरों में परीक्षा केंद्र दे दिए गए हैं। यह निर्णय खासकर दिव्यांग, महिला और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए बेहद असुविधाजनक सिद्ध हो रहा है। पत्र में बताया गया है कि तीन अगस्त को आयोजित होने वाली परीक्षा में भाग लेने वाले यूडीएफ के कई सदस्य और अन्य राज्यों के हजारों अभ्यर्थी नजदीकी केंद्र की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें ऐसे शहरों में भेजा गया है जहाँ जाना न केवल महंगा है बल्कि रेलवे में टिकट की उपलब्धता भी सीमित है। अल्प समय में यात्रा की योजना बनाना, विशेषकर परीक्षा जैसे तनावपूर्ण समय में, उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त मानसिक दबाव पैदा करता है।

डॉ. मित्तल ने तर्क दिया कि आज जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत डेटा प्रोसेसिंग प्रणाली उपलब्ध है, तो अभ्यर्थियों की प्राथमिकता के अनुसार नजदीकी केंद्र आवंटित करना कठिन कार्य नहीं है। उन्होंने आग्रह किया कि एनबीईएमएस परीक्षा केंद्र परिवर्तन पोर्टल को फिर से खोले ताकि परीक्षार्थी अपने निकटतम शहरों का चयन कर सकें। डॉ. मित्तल ने यह भी कहा कि यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यात्रा से उत्पन्न तनाव परीक्षार्थियों के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और उनकी रैंकिंग को प्रभावित कर सकता है।

यूडीएफ की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. यज्ञिका पारिक ने बताया की इससे पहले भी यूडीएफ ने नीट पीजी परीक्षा को दो पालियों में आयोजित करने के फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित करने का निर्देश दिया था। यूडीएफ ने इस बार भी छात्रों की आवाज़ बनते हुए एनबीईएमएस से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ निदान करें।

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