मैट्स विश्वविद्यालय के विज्ञान छात्रों ने किया सिपेट रायपुर में औद्योगिक भ्रमण

Healthbhaskar.com: रायपुर ,13 अक्टूबर 2025 मैट्स विश्वविद्यालय रायपुर के स्कूल ऑफ साइंस के बी.एससी. और एम.एससी. के रसायन विज्ञान, सूक्ष्मजीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, वनस्पति विज्ञान और प्राणी विज्ञान के छात्रों ने केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट) रायपुर का औद्योगिक भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को उद्योगों में उपयोग होने वाली आधुनिक तकनीकों, उपकरणों और प्रक्रियाओं से प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना था।
इस औद्योगिक भ्रमण के लिए मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गजराज पगारिया और महानिदेशक प्रियेश पगारिया ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे भ्रमण छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को सशक्त बनाते हैं और शिक्षा तथा उद्योग के बीच की कड़ी को मजबूत करते हैं। औद्योगिक अनुभव आज के युग में अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी कौशल के साथ-साथ तकनीकी नवाचारों से भी परिचित कराता है।
यह कार्यक्रम कुलपति प्रो. (डॉ.) के.पी. यादव और विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) आशीष सराफ के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सिपेट रायपुर की ओर से इस भ्रमण का आयोजन प्रधान निदेशक एवं हेड डॉ. आलोक कुमार साहू के नेतृत्व में किया गया।
प्लास्टिक पुनर्चक्रण पर केंद्रित संवादात्मक सत्र
कार्यक्रम का आरंभ “प्लास्टिक पुनर्चक्रण: चुनौतियाँ और अवसर” विषय पर एक परिचर्चा से हुआ। इस सत्र में छात्रों को पेट्रोरसायन उद्योग और प्लास्टिक प्रौद्योगिकी की नवीनतम उपलब्धियों और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। सहायक तकनीकी अधिकारी समोजू पृथ्वी राज ने प्लास्टिक उद्योग की उपयोगिता और स्थायित्व पर आधारित एक संवादात्मक प्रस्तुति दी, जिससे छात्रों को प्लास्टिक के पुनर्चक्रण की तकनीक और इसके सामाजिक-आर्थिक लाभों का गहन ज्ञान प्राप्त हुआ। इसके बाद बी. श्रीनिवासन राव एवं उनकी टीम ने विद्यार्थियों को औद्योगिक परिभ्रमण कराया, जिसमें विभिन्न प्रयोगशालाओं और मशीन अनुभागों का निरीक्षण कराया गया। कार्यक्रम समन्वयक सुनील कुमार जेना ने पूरे भ्रमण का कुशल संचालन किया।
आधुनिक मशीनों से मिली तकनीकी जानकारी
भ्रमण के दौरान छात्रों ने उन्नत मोल्डिंग मशीनों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया, जिनमें डबल कलर इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन, माइक्रोप्रोसेसर कंट्रोल मशीन, ऑल-इलेक्ट्रिक मशीन, मल्टीलेयर ब्लोन फिल्म मशीन और रोटोमोल्डिंग यूनिट शामिल थीं। इन मशीनों की कार्यप्रणाली और औद्योगिक उपयोग को समझते हुए विद्यार्थियों ने यह जाना कि कैसे प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण और गुणवत्ता नियंत्रण किया जाता है।
परीक्षण अनुभाग में गुणवत्ता की बारीकियाँ सीखीं
सिपेट के टेस्टिंग सेक्शन में छात्रों को पॉलिमर, प्लास्टिक और कंपोजिट मटेरियल्स के परीक्षण की विभिन्न विधियों से अवगत कराया गया। उन्हें बताया गया कि सिपेट किस प्रकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले टेस्टिंग सॉल्यूशन्स प्रदान करता है। इस दौरान छात्रों ने Mechanical testing, Chemical analysis, और Thermal characterization जैसे परीक्षणों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
टूल रूम और डिजाइन अनुभाग का अनुभव
छात्रों को टूल रूम में ले जाकर CNC मशीनिंग, मोल्ड निर्माण, और प्रेसिजन इंजीनियरिंग के वास्तविक कार्यों से परिचित कराया गया। उन्हें बताया गया कि कैसे विभिन्न आकारों और जटिलताओं के प्लास्टिक उत्पादों के लिए मोल्ड तैयार किए जाते हैं। डिजाइन सेक्शन में विद्यार्थियों को CAD-CAM सॉफ्टवेयर, 3D मॉडलिंग और डिजिटल प्रोटोटाइपिंग की आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इससे छात्रों ने औद्योगिक डिजाइन प्रक्रिया की गहराई को समझा और यह सीखा कि सॉफ्टवेयर आधारित डिजाइनिंग भविष्य के इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिशा तय कर रही है।
शिक्षा और उद्योग का समन्वय ही भविष्य की कुंजी
भ्रमण के समापन पर छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि सिपेट जैसी संस्थाओं का दौरा उन्हें न केवल तकनीकी ज्ञान देता है, बल्कि उद्योग की कार्यप्रणाली और व्यावसायिक अनुशासन को भी समझने का अवसर प्रदान करता है। प्रो. (डॉ.) आशीष सराफ ने कहा कि शिक्षा और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करना उच्च शिक्षा संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि विद्यार्थी रोजगार के लिए तैयार और तकनीकी रूप से सक्षम बन सकें। मैट्स विश्वविद्यालय निरंतर ऐसे औद्योगिक भ्रमण आयोजित करता रहेगा जिससे विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित हो।