मरीजों की देखभाल प्रक्रिया पर पीडियाट्रिक विभाग में उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित

Healthbhaskar.com: रायपुर ,14 अक्टूबर 2025 पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के बाल्य एवं शिशु रोग विभाग (पीडियाट्रिक विभाग) में मरीजों की देखभाल प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने हेतु एक विशेष उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों को रोगी देखभाल की मानक प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures – SOP) से अवगत कराना और उन्हें संवेदनशील, समानता-आधारित उपचार के प्रति प्रशिक्षित करना था।
कार्यक्रम का नेतृत्व पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष डॉ. ओंकार खंडवाल ने किया। उन्होंने नवजात, अस्वस्थ शिशुओं और बड़े बच्चों की भर्ती के समय अपनाई जाने वाली चिकित्सा प्रक्रिया की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। डॉ. खंडवाल ने उपस्थित सभी चिकित्सा कर्मियों को यह समझाया कि किसी भी मरीज के उपचार में भेदभाव रहित दृष्टिकोण और मानवीय संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
मानक परिचालन प्रक्रिया पर दी विस्तृत जानकारी
डॉ. ओंकार खंडवाल ने विभाग में लागू की गई मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) के प्रमुख बिंदुओं को साझा करते हुए बताया कि प्रत्येक मरीज का उपचार निर्धारित वैज्ञानिक प्रक्रिया और प्रोटोकॉल के अंतर्गत किया जाना चाहिए, ताकि चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे। डॉ. ओंकार खंडवाल ने यह भी बताया कि किसी भी नवजात या बालक के भर्ती होने पर प्रारंभिक जांच, संक्रमण नियंत्रण, और उपचार की प्रत्येक प्रक्रिया एक पूर्वनिर्धारित चरणबद्ध प्रणाली के तहत की जाती है। डॉ. खंडवाल ने आगे कहा कि चिकित्सा का मूल भाव संवेदनशीलता है। मरीज चाहे किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग से जुड़ा हो, उसे समान दृष्टिकोण और सहयोगपूर्ण वातावरण मिलना चाहिए।
एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के प्रबंधन पर दी विशेष प्रशिक्षण जानकारी
कार्यक्रम में एचआईवी संक्रमित रोगियों की देखभाल और प्रबंधन पर भी विशेष सत्र आयोजित किया गया। डॉ. खंडवाल ने ग्लोबल गाइडलाइंस फॉर हैंडलिंग एचआईवी पॉजिटिव पेशेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मरीजों के इलाज के दौरान सार्वभौमिक सावधानियाँ (Universal Precautions) अनिवार्य रूप से अपनाई जानी चाहिए। संक्रमण की रोकथाम के उपायों, संक्रमित द्रवों के सुरक्षित निपटान, और सुरक्षा उपकरणों (PPE Kits, Gloves, Masks आदि) के उचित उपयोग करने हेतु जानकारी साझा की गयी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के प्रति समाज में अब भी कई मिथक और गलत धारणाएँ प्रचलित हैं, जिन्हें दूर करना अत्यंत आवश्यक है। चिकित्सा कर्मियों से आग्रह किया कि वे ऐसे मरीजों के साथ समान व्यवहार करें, क्योंकि हर व्यक्ति उपचार, सम्मान और सहानुभूति का अधिकारी है।
संवेदनशीलता और समानता ही चिकित्सा का आधार
डॉ. ओंकार खंडवाल ने कहा कि मरीजों के साथ संवेदनशीलता, समानता और सहयोग की भावना ही चिकित्सा सेवा का मूल स्तंभ है। उन्होंने चिकित्सा कर्मियों को यह संदेश दिया कि किसी भी स्थिति में भेदभाव या पूर्वाग्रह की भावना नहीं रखनी चाहिए। अस्पताल में आने वाला हर मरीज हमारी जिम्मेदारी है। हमें उसे भयमुक्त, सम्मानजनक और विश्वासपूर्ण वातावरण देना होगा। इसी से उपचार की प्रभावशीलता बढ़ती है। इस अवसर पर उन्होंने रोगी-केंद्रित चिकित्सा पद्धति (Patient-Centered Care) के सिद्धांतों पर भी विस्तार से चर्चा की। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को मरीज की भावनाओं को समझते हुए उसकी स्थिति के अनुसार उपचार योजना तैयार करनी चाहिए।
संक्रमण नियंत्रण और सुरक्षा मानकों पर जोर
कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ. खंडवाल ने संक्रमण नियंत्रण उपायों (Infection Control Practices) और चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को उपचार के दौरान सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, हाथ धोने की तकनीक, सुई-चुभन दुर्घटनाओं से बचाव, और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के मानकों का पालन करना चाहिए। यह न केवल मरीज की सुरक्षा के लिए बल्कि चिकित्सा कर्मियों की स्वयं की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। साथ ही उन्होंने संस्थान के स्टाफ को निरंतर प्रशिक्षण और अपडेटेड दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी गयी।
समानता और करुणा का सन्देश
कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह के उन्मुखीकरण से उन्हें मरीजों की देखभाल में नई दृष्टि मिली है। नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल कर्मचारियों ने माना कि चिकित्सा केवल उपचार नहीं, बल्कि संवेदनशील व्यवहार और करुणा का प्रतीक है।
डॉ. खंडवाल ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि यह आवश्यक है कि प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी अपने कार्य को “सेवा, सहानुभूति और समानता” के भाव से करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विभाग ऐसे प्रशिक्षण सत्र नियमित रूप से आयोजित करेगा ताकि मरीजों को और बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सके।यह कार्यक्रम न केवल चिकित्सा कर्मचारियों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ बल्कि अस्पताल में उपचार और देखभाल की गुणवत्ता को भी नई दिशा प्रदान करेगा। रोगी देखभाल की मानक प्रक्रिया पर आधारित यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, मानवीयता और व्यावसायिक उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।