बीरगांव में प्रसूता की मौत का मामला, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर जांच दल गठित

हेल्थ भास्कर: 24 साल की साक्षी डिलीवरी के लिए बिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती की गई थी, बच्ची के जन्म के बाद सब ख़ुश थे, ६-७ घंटे बाद रात को साक्षी की तबीयत बिगडी। लेकिन प्रसव केंद्र में नियुक्त डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आए थे । ३ डिलीवरी ३ नसबंदी के के केस होने के बाद भी कोई महिला डॉक्टर अस्पताल में  मौजूद नहीं थी । एक पुरुष स्टाफ नर्स था जो दरवाजा बंद करके सो रहा था, बार बार उठाने के बाद कुछ मिनट के लिए आता, परिजनों को धमकाता। अंत में बेसुध साक्षी को पानी पिलाया गया, एक इंजेक्शन लगाई गई जिसके दस मिनट के बाद साक्षी ने दम तोड़ दिया। पानी शायद स्वंस नली में फँस गया । मौत के बाद भी स्टाफ नर्स साक्षी और परिजनों को अपमानित करता रहा , अब ये पता चल रहा है जिस डॉक्टर उपाध्याय की नाईट ड्यूटी लगाई गई है वो ख़ुद चल फिर नहीं पाते, शारीरिक रूप से बीमार मानसिक रूप से परेशान हैं…रायपुर के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही से यह पहली मौत नहीं है । इतनी मौत का बोझ होने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई लीपापोती कर देते हैं।

आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं ने 3 दिन के भीतर सीएमएचओ से मांगा जांच रिपोर्ट

शहरी समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरगांव में श्रीमती साक्षी निषाद का मंगलवार को प्रसव पश्चात मृत्यु होने पर परिजनों द्वारा लापरवाही की शिकायत की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तत्काल ही आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रियंका शुक्ला से बात की और जांच करने की बात कही। आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा जाँच कमेटी गठित की गई है।

इस चार सदस्यीय जांच दल में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजीव वोहरा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ निर्मला यादव, एनेस्थिसिया विशेषज्ञ चंद्रा राव और नोडल अफसर मातृत्व शाखा डॉ प्रीति नारायण शामिल हैं। जांच दल को परिजनों की शिकायत के आधार पर 3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सीएमएचओ को देने को कहा गया है।

 

 

 

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