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डिप्रेशन से मुक्ति की दिशा में लॉयंस क्लब की प्रेरणादायक पहल

Healthbhaskar.com:  रायपुर 06 अक्टूबर 2025 आज के तेज़ रफ्तार युग में जहाँ युवा वर्ग जीवन की प्रतिस्पर्धा, करियर की दौड़ और सामाजिक अपेक्षाओं के दबाव से गुजर रहा है, वहीं मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है। इसी संवेदनशील विषय पर लॉयंस क्लब रायपुर कैपिटल द्वारा अग्रसेन कॉलेज रायपुर में एक प्रेरक “मानसिक स्वास्थ्य एवं डिप्रेशन से मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बोर्नियो हॉस्पिटल की जानी-मानी आयुर्वेदाचार्य डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने मुख्य वक्ता के रूप में युवाओं को तनाव प्रबंधन (Stress Management), डिप्रेशन नियंत्रण (Depression Control), और सकारात्मक जीवन दृष्टिकोण (Positive Living) के लिए प्रेरित किया।

आयुर्वेद और योग से तनाव पर विजय का संदेश

डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य केवल बीमारी का अभाव नहीं, बल्कि संतुलित सोच और आत्मिक स्थिरता की अवस्था है।
उन्होंने युवाओं को बताया कि आधुनिक जीवनशैली में तनाव का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और इसका प्रमुख कारण अनियमित खानपान, अनिद्रा, डिजिटल लत, करियर अनिश्चितता, तथा सामाजिक दबाव है।

डॉ. चतुर्वेदी ने योग, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, सूर्य नमस्कार और ब्रिदिंग एक्सरसाइज (Breathing Exercises) जैसी आयुर्वेदिक विधाओं को मानसिक शांति का सबसे सरल और प्रभावी उपाय बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र को दिन की शुरुआत कुछ मिनटों के ध्यान (Meditation) और नियंत्रित श्वसन से करनी चाहिए, इससे मन, मस्तिष्क और शरीर तीनों में समन्वय बनता है।

डिजिटल डिटॉक्स और नींद का महत्व

अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि आज युवाओं में मोबाइल एडिक्शन (Mobile Addiction) मानसिक अस्थिरता का बड़ा कारण बन गया है। लगातार स्क्रीन टाइम से न्यूरोलॉजिकल तनाव, थकान, और अनिद्रा (Insomnia) बढ़ रही है। उन्होंने युवाओं को “डिजिटल डिटॉक्स” अपनाने की सलाह दी यानि प्रतिदिन कुछ घंटे मोबाइल, सोशल मीडिया और गेमिंग से दूर रहकर वास्तविक जीवन के अनुभवों को जीना। उन्होंने कहा कि रात की नींद मानसिक स्वास्थ्य का सबसे सस्ता और असरदार इलाज है। यदि आप 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेते हैं, तो आपकी मानसिक कार्यक्षमता बढ़ जाती है।

छात्रों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

अग्रसेन कॉलेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों विद्यार्थियों, शिक्षकों और कॉलेज स्टाफ ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सेशन के दौरान छात्रों ने डॉ. चतुर्वेदी से अपने व्यक्तिगत प्रश्न पूछे जैसे परीक्षा का दबाव, करियर को लेकर चिंता, पारिवारिक अपेक्षाएं, तथा रिलेशनशिप स्ट्रेस। सेशन को इंटरएक्टिव बनाते हुए उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों के साथ बताया कि कैसे छोटे-छोटे प्रयास व्यक्ति को मानसिक रूप से दृढ़ (Mental Resilience) बना सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में छात्रों को हैंडआउट्स और बुकलेट्स वितरित की गईं जिनमें आयुर्वेदिक उपाय, जड़ी-बूटियों के नुस्खे (Herbal Remedies), और तनाव कम करने के घरेलू टिप्स आदि शामिल थे।

पुरस्कार वितरण और प्रेरणादायक समापन

कार्यक्रम के समापन पर लॉयंस क्लब रायपुर कैपिटल की अध्यक्ष लायन कनीज सिद्दीकी ने कहा की हमारा उद्देश्य केवल जागरूकता नहीं, बल्कि युवाओं के मन में यह विश्वास जगाना है कि जीवन कितना भी जटिल क्यों न हो, समाधान सदैव हमारे भीतर ही मौजूद रहता है।

क्लब की सचिव लायन अमरजीत कौर डाल्ला एवं पीआरओ लायन संतोष गुप्ता ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई गयी तथा कॉलेज के प्राचार्य वाय.के. राजपूत ने क्लब की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य (Mental Wellness) के महत्व को समझाने में बेहद कारगर हैं। अंत में विजेताओं को सर्टिफिकेट और मेडल प्रदान किए गए और सभी प्रतिभागियों को ‘Stay Positive, Stay Healthy’ का संकल्प दिलाया गया।

युवाओं के मनोबल को सशक्त करने की दिशा में अग्रणी कदम

इस कार्यक्रम को लेकर छात्रों में व्यापक उत्साह देखा गया और प्रतिभागियों ने बताया कि यह सत्र न केवल शैक्षणिक दृष्टि से उपयोगी था, बल्कि इससे जीवन के प्रति एक नई सोच भी मिली है। कॉलेज के शिक्षकों ने कहा कि ऐसे सेमिनार नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए ताकि युवा तनाव, अवसाद और नकारात्मकता से मुक्त होकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।

लॉयंस क्लब रायपुर कैपिटल ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी वे स्कूलों और कॉलेजों में इस प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान (Mental Health Awareness Campaign) चलाते रहेंगे। यह पहल समाज में डिप्रेशन-मुक्त वातावरण (Depression-Free Society) की दिशा में एक प्रभावी कदम सिद्ध होगी।

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