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AIIMS रायपुर में BHISHM क्यूब्स का उद्घाटन, आपदा प्रतिक्रिया और ट्रॉमा केयर में क्रांतिकारी पहल

Healthbhaskar.comरायपुर, 12 जुलाई 2025 ,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) रायपुर में BHISHM (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एवं मैत्री) परियोजना का औपचारिक उद्घाटन किया गया। यह पहल भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक नवाचारी योजना है, जिसका उद्देश्य आपदा स्थितियों में त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के माननीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए ।

स्वास्थ्य मंत्री ने BHISHM क्यूब्स को बताया क्रांतिकारी पहल

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री जायसवाल ने कहा कि BHISHM क्यूब्स आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये क्यूब्स न केवल आपातकालीन परिस्थितियों में जान बचाने में सहायक होंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ के सुदूर आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं देने में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।

AIIMS रायपुर को मिले अत्याधुनिक BHISHM मेडिकल क्यूब्स

आरोग्य मैत्री परियोजना के अंतर्गत AIIMS रायपुर को इन अत्याधुनिक BHISHM मेडिकल क्यूब्स से सुसज्जित किया गया। ये क्यूब्स विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं, सामूहिक दुर्घटनाओं और संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में ट्रॉमा केयर और मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्रत्येक क्यूब 10–15 मिनट में एक पूर्ण मोबाइल अस्पताल में बदल सकता है, जिसमें ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन वार्ड, जीवन रक्षक दवाएं, रक्त परीक्षण किट, वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर, एक्स-रे और सोनोग्राफी मशीन, स्ट्रेचर और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं।

AI-आधारित निगरानी प्रणाली इन क्यूब्स को मरीजों की स्वास्थ्य स्थिति की रियल-टाइम ट्रैकिंग में सक्षम बनाती है, जबकि इनका जलरोधी डिज़ाइन इन्हें बाढ़ और भारी वर्षा जैसी स्थितियों में भी कार्यशील बनाए रखता है। एक BHISHM यूनिट एक समय में लगभग 200 मरीजों का इलाज करने में सक्षम होती है और इसमें बैकअप जनरेटर भी मौजूद होते हैं।

500 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया प्रशिक्षण में भाग

इस अवसर पर आयोजित एकीकृत ओरिएंटेशन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 500 डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, पुलिसकर्मी, सशस्त्र बलों, NDRF, SDRF और ANTF के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य था कि आपदा की स्थिति में ये अग्रिम पंक्ति के योद्धा समन्वित ढंग से अपनी भूमिका निभा सकें। सत्रों में BHISHM क्यूब्स की त्वरित तैनाती, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय, ट्रायाज प्रक्रिया, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल और फील्ड परिस्थितियों में इनके व्यावहारिक उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया।

AIIMS निदेशक ने बताया ऐतिहासिक क्षण

AIIMS रायपुर के कार्यकारी निदेशक एवं CEO लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने इस अवसर को संस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य दोनों के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि BHISHM क्यूब्स हमारी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को अत्यधिक सशक्त बनाते हैं और हमें चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी प्रभावी रूप से उपचार देने में सक्षम बनाते हैं।

नीतिगत बैठक में वरिष्ठ अधिकारी हुए शामिल

इस अवसर पर सेवानिवृत्त एयर वाइस मार्शल तन्मय रॉय ने मुख्य वक्तव्य दिया और BHISHM क्यूब्स की तकनीकी विशेषताओं और रणनीतिक उपयोग पर प्रकाश डाला। साथ ही, सामूहिक दुर्घटनाओं पर एकीकृत प्रतिक्रिया विषय पर एक उच्चस्तरीय नीति बैठक का आयोजन भी किया गया, जिसमें AIIMS रायपुर, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DHS), राज्य एवं केंद्रीय एजेंसियों जैसे NDRF, SDRF, ANTF, CRPF, और छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए। बैठक में राज्य की आपदा तैयारी, समन्वित प्रतिक्रिया प्रणाली, व्यावहारिक अंतराल और राष्ट्रीय रूपरेखाओं के साथ संस्थागत समन्वय पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम का समन्वय प्रो. (डॉ.) डी. के. त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष, ट्रॉमा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग के नेतृत्व में किया गया। इसमें फैकल्टी सदस्य, रेजिडेंट, नर्सिंग अधिकारी और छात्रगण भी सक्रिय रूप से शामिल हुए। राज्य सरकार और प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों के कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बना दिया। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की आपदा प्रबंधन क्षमता और त्वरित आपातकालीन चिकित्सा सेवा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम साबित होगा।

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