गोवा में ऑल इंडिया होम्योपैथी रिसर्च समिट में डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी का भव्य सम्मान

Healthbhaskar.com: रायपुर,20 अगस्त 2025 गोवा की धरती इस वर्ष एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण आयोजन की साक्षी बनी। ऑल इंडिया होम्योपैथी रिसर्च समिट का यह मंच उस क्षण का गवाह बना जब होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में विशिष्ट योगदान के लिए प्रख्यात चिकित्सक डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी को भव्य सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत के दिग्गज और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज़ ब्रेट ली तथा माननीय सांसद राजेश वर्मा के कर-कमलों से प्राप्त हुआ।
गोवा के भव्य सभागार में आयोजित इस सम्मेलन में देश और विदेश से आए नामचीन होम्योपैथी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्देश्य था। होम्योपैथी को चिकित्सा जगत में नई पहचान देना और इसके अनुसंधान को और अधिक सशक्त बनाना। मंच पर जब डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी का नाम सम्मान हेतु पुकारा गया, तब पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उपस्थित जनसमूह ने खड़े होकर उनका स्वागत किया और यह क्षण होम्योपैथी समुदाय के लिए गर्व का पल बन गया।
इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत रही कि इसमें भारतीय क्रिकेट के महानायक और “लिटिल मास्टर” के नाम से मशहूर सुनील गावस्कर विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को कई गुना बढ़ा दिया। इसके अलावा होम्योपैथी जगत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ डॉ. नितीश दूबे भी मंच पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा की डॉ. त्रिवेदी जैसे समर्पित चिकित्सक ही वह कारण हैं जिनसे आज होम्योपैथी को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है।
होम्योपैथी की दिशा में डॉ. त्रिवेदी का योगदान
डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी ने वर्षों से होम्योपैथी अनुसंधान और उपचार पद्धति में नवाचार करते हुए इस चिकित्सा पद्धति को आमजन तक पहुँचाने का कार्य किया है। उनका मानना है कि होम्योपैथी केवल वैकल्पिक चिकित्सा नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और सुरक्षित उपचार विधा है, जो भविष्य की पीढ़ियों को बेहतर स्वास्थ्य का भरोसा देती है। उनके शोध कार्य और क्लिनिकल प्रैक्टिस ने यह साबित किया है कि गंभीर रोगों में भी होम्योपैथी प्रभावी और सुरक्षित परिणाम दे सकती है। यही कारण है कि उन्हें इस मंच पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य और शोध को नई दिशा
सम्मेलन में देशभर के विशेषज्ञों ने माना कि होम्योपैथी आने वाले समय में स्वास्थ्य जगत में एक सशक्त स्तंभ बनेगी। वक्ताओं ने कहा कि आधुनिक युग में जहाँ एलोपैथी और अन्य चिकित्सा पद्धतियाँ प्रमुख स्थान रखती हैं, वहीं होम्योपैथी अपने प्राकृतिक, कम दुष्प्रभाव वाले और दीर्घकालिक परिणामों के कारण लोगों की पहली पसंद बन रही है। डॉ. त्रिवेदी के कार्यों ने न केवल होम्योपैथी को शोध की नई दिशा दी है, बल्कि इसे वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
खेल, चिकित्सा और समाज का अद्भुत संगम
इस आयोजन में एक खास संदेश भी छिपा था। क्रिकेट जगत से ब्रेट ली और सुनील गावस्कर जैसे सितारों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि खेल और स्वास्थ्य दोनों ही जीवन को बेहतर बनाने के लिए समान रूप से आवश्यक हैं। ब्रेट ली ने अपने संबोधन में कहा की मैं खेल से जुड़ा हूँ और जानता हूँ कि फिटनेस और स्वास्थ्य का जीवन में कितना महत्व है। डॉ. त्रिवेदी जैसे चिकित्सक जब स्वास्थ्य को नई दिशा देते हैं, तो समाज का हर वर्ग लाभान्वित होता है।
समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
यह सम्मान केवल डॉ. त्रिवेदी की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय और विशेषकर होम्योपैथी पद्धति की विजय है। यह उन तमाम चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा है, जो कठिन परिस्थितियों में भी चिकित्सा को सुलभ और प्रभावी बनाने के लिए कार्यरत हैं। डॉ. त्रिवेदी ने अपने संबोधन में कहा की यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि हर उस चिकित्सक का है जो बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा कर रहा है। मेरा प्रयास रहेगा कि होम्योपैथी को और अधिक शोध-आधारित बनाकर जनमानस तक पहुँचाया जाए।
ऑल इंडिया होम्योपैथी रिसर्च समिट का यह आयोजन केवल एक सम्मेलन नहीं बल्कि चिकित्सा जगत में होम्योपैथी की बढ़ती स्वीकार्यता का प्रतीक बना। डॉ. उत्कर्ष त्रिवेदी का सम्मान इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, शोध और सेवा भाव से किसी भी पद्धति को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई जा सकती है। गोवा की इस ऐतिहासिक शाम ने साबित कर दिया कि स्वास्थ्य, खेल और समाजसेवा तीनों जब एक मंच पर आते हैं, तो न केवल प्रेरणा का संचार होता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए नई राह भी प्रशस्त होती है।