कैटेगरी गड़बड़ी से मेडिकल एडमिशन में फंसा संकट, कई छात्रों का भविष्य अधर में

Healthbhaskar.com: रायपुर, 31 जुलाई 2025 छत्तीसगढ़ में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश को लेकर छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है। शासन द्वारा आरक्षण नियमों में बदलाव के बावजूद कई अभ्यर्थियों की कैटेगरी में त्रुटियां सामने आई हैं, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। राज्य शासन ने नीट यूजी काउंसलिंग के लिए संशोधित नियम जारी किए हैं, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों और वर्गीकरण में हुई गलतियों के कारण कई अभ्यर्थियों को आरक्षित श्रेणियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनमें ऐसे छात्र भी शामिल हैं जिन्होंने सभी दस्तावेज सही ढंग से प्रस्तुत किए, फिर भी पोर्टल पर उनकी श्रेणी गलत दर्शाई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस समस्या का तत्काल समाधान नहीं हुआ तो कई मेधावी छात्रों को सीट नहीं मिल पाएगी, जिससे उनका एक वर्ष नष्ट हो सकता है। उधर, शिक्षा विभाग का कहना है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर सुधार की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। छात्रों और अभिभावकों ने शासन से अपील की है कि मेडिकल प्रवेश जैसे संवेदनशील विषय में पारदर्शिता और तकनीकी व्यवस्था को मजबूत किया जाए ताकि योग्य छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
कैसे खड़ी हुई समस्या?
NEET UG 2025 काउंसलिंग पोर्टल पर छात्रों ने अपने दस्तावेज़ अपलोड किए, तब कई अभ्यर्थियों ने पाया कि उनके द्वारा भरे गए कैटेगरी विकल्प पोर्टल पर गलत दर्शाए जा रहे हैं। जैसे– कोई OBC छात्र “General” श्रेणी में दर्ज हो गया, या SC/ST वर्ग के छात्रों को उनकी मान्य आरक्षित श्रेणी का लाभ नहीं मिल सका। छात्रों का कहना है कि उन्होंने नियमानुसार सभी प्रमाणपत्र समय से पोर्टल पर अपलोड किए हैं, फिर भी उनका डेटा गलत दर्ज हुआ। काउंसलिंग में यह गलती न सुधर पाने के कारण कई छात्रों को सामान्य श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है, जिससे उनकी रैंक के अनुसार सीट मिलना कठिन हो गया है। ऐसे कई छात्र हैं जिनकी नीट में अच्छी रैंक है लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण वे किसी भी कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने अब तक इस विषय पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। जबकि तकनीकी पोर्टल संचालन करने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी बनती है कि वह डेटा अपलोडिंग और कैटेगरी सुधार के लिए एक विंडो खोले, जिससे छात्र अपने डाटा को सही कर सकें। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां बड़ी संख्या में छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की आस लगाए बैठे हैं, वहां इस प्रकार की तकनीकी और प्रशासनिक गड़बड़ी छात्रों के आत्मविश्वास को गहरा आघात पहुँचा रही है। ज़रूरत है कि शासन इस मुद्दे को प्राथमिकता से लेकर तत्काल समाधान करे, ताकि योग्य छात्रों का शैक्षणिक वर्ष ख़राब न हो।