Fri. Oct 24th, 2025

AIIMS रायपुर में दो दिवसीय रुमेटोलॉजी कार्यशाला (CME) का सफल आयोजन

हेल्थ भास्करAIIMS रायपुर के सामान्य चिकित्सा विभाग द्वारा ” गठिया रोग- चुनौतियाँ और संभावनाएँ” विषय पर दो दिवसीय रुमेटोलॉजी कार्यशाला और निरंतर चिकित्सा शिक्षा (CME) का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गठिया रोगों के निदान और उपचार से जुड़ी विशिष्ट चुनौतियों पर चर्चा करना और नई चिकित्सा संभावनाओं तराशना था।

इस सीएमई सत्र में छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों से लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें चिकित्सक, विशेषज्ञ और स्नातकोत्तर छात्र शामिल थे। इस आयोजन में AIIMS नई दिल्ली, PGIMER चंडीगढ़, SGPGI लखनऊ, सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु, AIIMS मंगलागिरी, AIIMS भुवनेश्वर, अहमदाबाद और कोलकाता जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भाग लिया और अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए।

रोगों के निदान और उपचार पर विशेषज्ञों की चर्चा
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने गठिया रोग (रुमेटिक डिजीज) के निदान और उपचार पर गहन चर्चा की, जिसमें मुख्य रूप से रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis – RA) और सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (Systemic Lupus Erythematosus – SLE) जैसी बीमारियों के जटिल मामलों पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान नवीनतम चिकित्सा तकनीकों और उपचार के उभरते तरीकों पर भी चर्चा की गई।

AIIMS रायपुर के सलाहकार रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. जॉयदीप सामंता ने कहा कि गठिया रोगों की देर से पहचान और उपचार की कमी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है। उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से चिकित्सकों और आम जनता में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि समय पर निदान और उपचार संभव हो सके।

AIIMS रायपुर में रुमेटोलॉजी सेवाओं का विस्तार
सामान्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विनय पंडित ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रुमेटोलॉजी सेवाओं की मांग लगातार बढ़ रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए AIIMS रायपुर में एक समर्पित रुमेटोलॉजी ओपीडी (Outpatient Department) चलाई जा रही है। इस ओपीडी का संचालन डॉ. जॉयदीप सामंता और डॉ. झासकेतन मेहर के नेतृत्व में किया जा रहा है, जो इस कार्यशाला के आयोजन सचिव भी रहे।

कार्यक्रम का उद्घाटन और समापन
इस कार्यक्रम का उद्घाटन AIIMS रायपुर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक जिंदल द्वारा किया गया। उन्होंने गठिया रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों तक आधुनिक चिकित्सा सेवाएँ पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, डॉ. आलोक अग्रवाल (डीन – एकेडमिक्स), डॉ. रेनू राजगुरु (चिकित्सा अधीक्षक) और अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम की उपलब्धियाँ
AIIMS रायपुर रुमेटोलॉजी अपडेट 2025 ने चिकित्सकों और विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान किया, जहाँ उन्होंने ज्ञान साझा किया, गठिया रोगों के उपचार में नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की, और क्षेत्र में रुमेटोलॉजी सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ाए। इस सफल आयोजन से स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच बढ़ाने और मरीजों के इलाज में सुधार लाने की दिशा में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

इन्हें भी पढ़े

You cannot copy content of this page