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समर्पण और सेवा की मिसाल: डॉ. अरविन्द नेरल ने किया अंतिम रक्तदान, 44 लीटर रक्तदान का रचा इतिहास

हेल्थ भास्कर: रायपुर, 4 जून 2025 छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 3 जून को रक्तदान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक क्षण देखने को मिला। प्रसिद्ध पैथोलॉजिस्ट और सामाजिक चेतना के प्रतीक डॉ. अरविन्द नेरल ने अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर जीवन का अंतिम रक्तदान किया। यह उनका 126वाँ स्वैच्छिक रक्तदान था। चिकित्सा दिशा-निर्देशों के अनुसार 65 वर्ष की आयु के बाद रक्तदान की अनुमति नहीं होती, इसलिए यह उनका आखिरी दान था।

डॉ. नेरल ने अब तक कुल 44 लीटर से अधिक रक्तदान किया है । एक यूनिट रक्तदान में लगभग 350 मिलीलीटर रक्त दिया जाता है, और इस आधार पर यह आंकड़ा छत्तीसगढ़ में किसी भी चिकित्सक या शासकीय सेवक द्वारा किया गया अब तक का संभवतः सर्वाधिक रक्तदान माना जा रहा है।

इस विशेष अवसर पर लायन्स क्लब रायपुर के सदस्य ला. मनहर शाह, ला. निर्मलेश वर्मा, ला. सुनील छाबरिया, ला. प्रकाश लुणावत, ला. विजय दवे सहित मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर चन्द्रकला जोशी, विकास बॉम्बेश्वर, अविरल मिश्रा, सूदित पाल, आकाश लालवानी, रवीना यादव और अन्य चिकित्सक व कर्मचारी उपस्थित थे।

रक्तदान के क्षेत्र में एक प्रेरणा

डॉ. नेरल न केवल स्वयं एक नियमित रक्तदाता हैं, बल्कि वे अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने इस उद्देश्य से “तुम मुझे खून दो” नामक एक पुस्तक लिखी है, जिसमें रक्तदान से जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों को सरल भाषा में समझाया गया है। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में रक्तदान पर लेख लिखे हैं, और आकाशवाणी व दूरदर्शन के माध्यम से आम जनता तक जागरूकता पहुँचाई है।

डॉ. अरविन्द नेरल ने समय-समय पर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में व्याख्यान व सेमीनार आयोजित कर युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया है। उनका यह समर्पण भाव और सेवा भावना निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन यह सिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी नियमित दिनचर्या के साथ-साथ समाज के लिए भी अद्वितीय योगदान दे सकता है।

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