AIIMS रायपुर और CCRS चेन्नई के बीच हुआ एमओयू

हेल्थ भास्कर : रायपुर, एकीकृत स्वास्थ्य सेवा और सहयोगात्मक चिकित्सा अनुसंधान को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर और केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस), चेन्नई के बीच आज एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम एम्स रायपुर में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत संस्थान के चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी. लक्ष्मण कुमार के स्वागत भाषण से हुई।

यह एमओयू दोनों प्रमुख संस्थानों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक सिद्ध चिकित्सा के बीच तालमेल स्थापित कर अनुसंधान की नई संभावनाओं को तलाशना है। इस सहयोग के माध्यम से रोगी देखभाल को बेहतर बनाना, क्लीनीकल परीक्षणों को बढ़ावा देना तथा साक्ष्य-आधारित एकीकृत उपचार पद्धतियों का विकास किया जाना प्रस्तावित है।

समारोह में एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल और सीसीआरएस के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. एन. जे. मुथुकुमार की उपस्थिति रही। इनके साथ ही एम्स रायपुर के डीन (अकादमिक) प्रोफेसर डॉ. आलोक चंद्र अग्रवाल, डीन (रीसर्च ) प्रोफेसर डॉ. सरिता अग्रवाल, डॉ. संतोष राव, डॉ. पुगझेंथन थंगाराजू, डॉ. यूजीन विल्सन, डॉ. विक्रम पई, डॉ. सुनील कुमार राय, डॉ. आशुतोष त्रिपाठी और डॉ. अखिलनाथ परिदा जैसे वरिष्ठ विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल जिंदल ने कहा, “यह एमओयू एक दूरदर्शी कदम है, जो समग्र और रोगी-केंद्रित देखभाल के हमारे दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा। वैज्ञानिक अनुसंधान को पारंपरिक ज्ञान के साथ जोड़कर हम समाज को अधिक व्यापक और प्रभावी स्वास्थ्य समाधान प्रदान कर सकते हैं।”

सीसीआरएस के महानिदेशक डॉ. मुथुकुमार ने कहा कि यह साझेदारी सहयोगात्मक क्लीनीकल अनुसंधान, एकीकृत उपचार प्रोटोकॉल का विकास, विशेषज्ञता और प्रशिक्षण का आदान-प्रदान, तथा संयुक्त अनुसंधान इकाइयों की स्थापना जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। उन्होंने आशा जताई कि यह पहल न केवल भारतीय चिकित्सा प्रणालियों को वैश्विक पहचान दिलाएगी, बल्कि देश के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को भी सशक्त बनाएगी।

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