Thu. Oct 23rd, 2025

एक्सीडेंट में हुआ ब्रेनडेड तो परिवार ने कर दिया अंगदान: तीन युवकों को नया जीवन प्रदान

हेल्थ भास्कर : दूसरों की भलाई करने की इच्छा रखने वाला आर्यंस आडिल सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होकर ब्रेनडेड हो गया। माता-पिता उसकी इच्छा से परिचित थे इसलिए उसके अंगों का दान कर तीन युवकों को नया जीवन प्रदान किया। आर्यंस आडिल की आंखें भी दो के जीवन में उजाला लेकर आएंगी।

अमलेश्वर के ग्राम पाहंदा में रहने वाला 18 साल का आर्यंस (बिट्ट) इस दुनिया में भले ही नहीं रहाँ हो, मगर उसके शरीर के अंगों की मदद से कुछ लोग अपना जीवन स्वस्थ होकर गुजार पाएंगे। आर्यंस असीम आडिल का इकलौता पुत्र था और जेईई की पढ़ाई कर रहा था। 29 जनवरी की सुबह परीक्षा दिलाकर वह घर लौट रहा था, इसी दौरान महादेव घाट पुल के समीप एक लापरवार वाहन चालक ने उसे ठोकर मार दी। हादसे में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए मोहबा बाजार के सुयश अस्पताल में दाखिल किया गया था। डॉक्टरों की भरसक कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका और ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। आर्यंस की इस स्थिति का पता चलने पर आडिल परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जवान बेटे को खोने का गम सह रहे असीम ने बच्चे की सोच का मान रखते हुए उसका अंगदान करने की इच्छा जाहिर की।

प्रदेश का 11वां अंगदान

एम्स में शनिवार को प्रदेश का 11वां अंगदान पूरा हुआ। इसके पूर्व 13 दिसंबर को डोंगरगढ़ में रहने वाली एक युवती के ब्रेनडेड होने पर परिवार वालों ने उसकी किडनी के जरिए जरूरत मंद मरीज को नया जीवन प्रदान किया था। प्रदेश में अभी बड़ी संख्या में बीमारी से जूझ रहे लोगों को किडनी और लिवर की जरूरत है।

एक्स और रामकृष्ण हास्पिटल में प्रत्यारोपण

आर्यस से मिली एक किडनी एम्स में उपचार करवा रहे 21 वर्षीय युवक को लगी। दूसरी किडनी और लिवर रामकृष्ण अस्पताल के 24 और 18 साल के नौजवान को प्रत्यारोपित की गई। सुयश अस्पताल से सूचना पर आर्थस के बेनडेड बॉडी को एम्स ले जाया गया, जहां उसकी दोनों आंखों को भी जरूरतमंद मरीजों को लगाया जाएगा।

इन्हें भी पढ़े

You cannot copy content of this page