AIIMS रायपुर के बायोकैमिस्ट्री विभाग द्वारा “एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्स ऑफ इंडिया” (ACBI) के छत्तीसगढ़ राज्य का पहला वार्षिक सम्मेलन

हेल्थ भास्कर : रायपुर,एम्स रायपुर के बायोकैमिस्ट्री विभाग द्वारा “एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्स ऑफ इंडिया” (ACBI) के छत्तीसगढ़ राज्य का पहला वार्षिक सम्मेलन 30 जनवरी 2025 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस सम्मेलन का मुख्य विषय था “अंतःविषय अनुसंधान: भविष्य की स्वास्थ्य सेवा का निर्माण”, जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। इस आयोजन का उद्देश्य शोध और चिकित्सकीय उपयोग के बीच की दूरी को दूरस्त करना एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान की नई दिशाएं देना का था । सम्मेलन में वक्ताओं ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, जिनमें मुख्य रूप से अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार हेतु नए लक्ष्य निर्धारित करना, जो एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है और वर्तमान में इसका कोई प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है। नवीनतम निदान विधियों में पूरक घटकों (Complement Components) की भूमिका तथा दवा की शोध (Drug Discovery) में आर्टिफिशल इंटेलीजेन्स (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का महत्व, जो स्वास्थ्य सेवा को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
सम्मेलन का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अशोक जिंदल, कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ, एम्स रायपुर द्वारा किया गया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ऐसे विचार-विमर्श अंतःविषय अनुसंधान को कार्यान्वयन विज्ञान (Implementation Science) तक ले जाने में सहायक होंगे, जिससे छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले आम नागरिकों को लाभ प्राप्त हो।
प्रो. डॉ.एली महापात्रा, अध्यक्ष, जैव रसायन विभाग एवं आयोजन अध्यक्ष ने कहा कि नवीन रोग पहचान तकनीकों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए चिकित्सकों की भागीदारी आवश्यक है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य परिदृश्यों में विभिन्न जनसंख्या समूहों को लाभ मिल सके।
आयोजन सचिव, प्रो. डॉ. रचिता नंदा ने एसीबीआई के महासचिव प्रो. डॉ. राजीव रंजन सिन्हा और अध्यक्ष प्रो. डॉ. इंदु वर्मा को इस सम्मेलन के सफल आयोजन में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया। अतिथि व्याख्यानों के बाद, विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से पीजी (Postgraduate) और पीएचडी (PhD) छात्रों द्वारा विभिन्न विषयों पर शोध पत्रों और पोस्टर प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया।
यह सम्मेलन अंतःविषय अनुसंधान को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। इसमें प्रस्तुत शोध कार्यों और चर्चाओं से यह स्पष्ट हुआ कि आधुनिक तकनीकों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में नए आयाम जोड़ सकता है और रोगों की शीघ्र पहचान एवं उपचार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।