महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित निरामय कैंसर फाउंडेशन एवं जियोमार्ट का संवेदनशीलता अभियान

Healthbhaskar.com: रायपुर, 07 अक्टूबर 2025 महिलाओं के स्वास्थ्य,आत्मविश्वास और सशक्तिकरण को समर्पित एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में निरामय कैंसर फाउंडेशन एवं जियोमार्ट ने संयुक्त रूप से मासिक धर्म एवं जननांग स्वास्थ्य पर एक संवेदनशीलता अभियान आयोजित किया। यह आयोजन न केवल महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि समाज में मासिक धर्म जैसे वर्जित विषयों पर खुलकर बातचीत की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ है।
महिलाओं की भावनाओं का सम्मान और उत्सव
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की भावनाओं का सम्मान करना और उन्हें अपने शरीर के प्रति आत्मविश्वास से भरना था। कार्यक्रम में विशेष रूप से परिमेनोपॉज़ल (Perimenopausal) महिलाओं को केंद्र में रखा गया जो अक्सर अपने स्वास्थ्य को लेकर अंतिम समय में चिकित्सकीय परामर्श लेती हैं। इन महिलाओं को इंटरएक्टिव चर्चाओं, संवाद सत्रों और प्रश्नोत्तर कार्यक्रमों के माध्यम से यह समझाया गया कि जननांग स्वास्थ्य में आने वाले बदलाव सामान्य हैं और इन पर खुलकर बात करना किसी भी तरह की झिझक का विषय नहीं होना चाहिए।
स्वास्थ्य और आत्मजागरूकता का संगम
अभियान के दौरान विशेषज्ञ स्त्री रोग विशेषज्ञों और स्वास्थ्य शिक्षकों ने महिलाओं को उनके शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे मासिक धर्म, हार्मोनल परिवर्तन, रजोनिवृत्ति (Menopause) और जननांग स्वच्छता के बारे में जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि उचित जानकारी की कमी, शर्म या सामाजिक वर्जनाएं महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं की ओर धकेलती हैं। इस अभियान ने महिलाओं को यह सिखाया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आत्म-सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी है।
मासिक धर्म और स्वच्छता पर परिचर्चा
कार्यक्रम में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता (Hygiene) बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया गया। महिलाओं को सही उत्पादों के चयन, उचित सफाई पद्धतियों, संक्रमण से बचाव और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों की जानकारी दी गई। विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी निम्न आय वर्ग की महिलाओं के लिए यह अभियान अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ, क्योंकि उनके बीच इस विषय पर जानकारी और संसाधनों की कमी अधिक रहती है।
स्त्री रोग संबंधी कैंसर से सुरक्षा की दिशा में कदम – सुदेशना रुहान
निरामय कैंसर फाउंडेशन से सुदेशना रुहान ने बताया की अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को यह समझाना था कि जननांग स्वच्छता की उपेक्षा भविष्य में स्त्री रोग संबंधी कैंसर (Gynecological Cancers) जैसे गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। स्वच्छता और नियमित जांच न केवल इन बीमारियों की रोकथाम करती है, बल्कि समय रहते इलाज के अवसर भी बढ़ाती है।
विशेषज्ञों ने महिलाओं को बताया कि हर महिला को अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों जैसे अनियमित रक्तस्राव, दर्द, या संक्रमण पर ध्यान देना चाहिए और तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। अभियान में विभिन्न इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए गए, जिनमें महिलाओं ने खुलकर अपने अनुभव, शंकाएं और भावनाएं साझा कीं। इन संवादों ने यह साबित किया कि समाज अब महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर अधिक जागरूक और संवेदनशील हो रहा है। सत्रों के दौरान यह भी बताया गया कि मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी महिलाओं को प्रभावित करते हैं। इसलिए, समाज और परिवार दोनों को इस समय महिलाओं को सहयोग, सम्मान और मानसिक संबल देना चाहिए।
जियोमार्ट ने इस पहल के माध्यम से यह दर्शाया कि एक कॉर्पोरेट संस्थान केवल व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व (Social Responsibility) का निर्वहन भी गंभीरता से करता है। संस्था के साथ साझेदारी में आयोजित यह अभियान महिलाओं के जीवन की वास्तविक समस्याओं को संबोधित करने वाला रहा है। जियोमार्ट प्रतिनिधियों ने कहा की महिलाओं का स्वास्थ्य ही समाज का स्वास्थ्य है। हम मानते हैं कि जब महिलाएं सशक्त होंगी, तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा।
महिलाओं के आत्मविश्वास की नई कहानी
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागी महिलाओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस तरह के अभियानों से उन्हें न केवल ज्ञान मिला, बल्कि समाज में खुले संवाद की हिम्मत भी मिली है। एक प्रतिभागी ने कहा की पहले हम इन बातों को छिपाते थे, अब समझ आई है कि अपने शरीर को जानना शर्म की बात नहीं, बल्कि गर्व की बात है। अभियान के दौरान महिलाओं को निःशुल्क हाइजीन किट्स ,जिनमें सैनिटरी नैपकिन, साबुन और स्वास्थ्य संबंधित चीज़े वितरित की गयी।
मासिक धर्म और जननांग स्वास्थ्य पर यह संवेदनशीलता अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी महिलाओं को आत्मविश्वास प्रदान करती है।यह पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत थी, जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति आत्मनिर्भर बनाना है। जियोमार्ट संस्थान ने घोषणा की कि भविष्य में इस तरह के अभियान देशभर में अन्य शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयोजित किए जाएंगे।