नर्सिंग शिक्षा में शोध को नई दिशा : एम्स रायपुर ने शुरू किया 7-दिवसीय प्रशिक्षण

Healthbhaskar.com: रायपुर, 07 अक्टूबर 2025 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स रायपुर के नर्सिंग कॉलेज ने सोमवार से “अनुसंधान पद्धति एवं जैव सांख्यिकी” पर सात दिवसीय अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह प्रशिक्षण 6 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस आयोजन का उद्देश्य नर्सिंग फैकल्टी और प्रोफेशनल की शोध क्षमताओं को सुदृढ़ करना और एम्स रायपुर के मिशन उत्कृष्टता के साथ नवाचारपूर्ण शिक्षा और अनुसंधान को साकार करना है।
यह कार्यक्रम भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है और इसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों से 30 नर्सिंग संकाय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण न केवल शोध कार्यों की समझ विकसित करेगा, बल्कि नर्सिंग पेशे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और डेटा आधारित निर्णय लेने की प्रवृत्ति को भी सशक्त बनाएगा।
वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान क्षमता के विकास पर जोर
कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह का आयोजन एम्स रायपुर के नर्सिंग कॉलेज सभागार में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम (सेवानिवृत्त), एमडी, डीआईएच, पीएचडी, कार्यकारी निदेशक और सीईओ, एम्स रायपुर की उपस्थिति रहीं ।अपने संबोधन में उन्होंने कहा की स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार तभी संभव है जब हम अनुसंधान आधारित शिक्षण और सांख्यिकीय विश्लेषण को नर्सिंग शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाएं। एम्स रायपुर इस दिशा में देश के लिए एक मॉडल बन रहा है। नर्सिंग क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित अभ्यास (Evidence-Based Practice) के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डेटा की सटीकता और शोध की प्रामाणिकता से ही स्वास्थ्य प्रणाली की विश्वसनीयता तय होती है।
उद्घाटन समारोह में गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम की शुरुआत नर्सिंग की व्याख्याता श्रीमती वहीथा एस. के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण नर्सिंग शिक्षकों और प्रोफेशनल के लिए एक नया अध्याय साबित होगा, जिससे वे अपने संस्थानों में अनुसंधान को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर सकेंगे। इसके पश्चात प्रो. (डॉ.) बीनू मैथ्यू, प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज, एम्स रायपुर ने अपने उद्बोधन में कहा की इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम नर्सिंग पेशे में शैक्षणिक गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। अनुसंधान केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि सोचने और समझने का एक वैज्ञानिक तरीका है।
एम्स रायपुर की डीन (अकादमिक) एवं डीन (अनुसंधान) की प्रेरणादायक उपस्थिति
समारोह की विशिष्ट अतिथियों में एम्स रायपुर की डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) एली महापात्रा और डीन (अनुसंधान) प्रो. (डॉ.) अभिरुचि गल्होत्रा उपस्थित रहीं। डॉ. महापात्रा ने कहा कि नर्सिंग संकाय को न केवल क्लिनिकल प्रैक्टिस में दक्ष होना चाहिए, बल्कि उन्हें शोध पद्धति और डेटा विश्लेषण की गहरी समझ भी होनी चाहिए। वहीं डॉ. गल्होत्रा ने कहा कि रिसर्च ही किसी भी क्षेत्र की आत्मा है। नर्सिंग अनुसंधान मानव स्वास्थ्य को गहराई से समझने और नीति निर्माण में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
वैज्ञानिक सत्रों की शुरुआत
उद्घाटन समारोह के पश्चात वैज्ञानिक सत्रों की शुरुआत हुई, जिनमें प्रतिभागियों को रिसर्च डिजाइन, सैंपल साइज निर्धारण, डेटा कलेक्शन, बायोस्टैटिस्टिकल एनालिसिस और रिसर्च रिपोर्टिंग एथिक्स जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। इन सत्रों का संचालन एम्स रायपुर के अनुभवी फैकल्टी मेंबर्स और रिसर्च विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रायोगिक सत्र (Hands-on Sessions) भी रखे गए हैं, ताकि प्रतिभागी स्वयं डेटा विश्लेषण और सांख्यिकीय उपकरणों का प्रयोग सीख सकें।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य शिक्षा के मानक को नई दिशा
एम्स रायपुर लंबे समय से न केवल चिकित्सा बल्कि नर्सिंग शिक्षा में भी राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मंत्रालय के उस व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है, जिसके तहत देशभर के स्वास्थ्य शिक्षकों को रिसर्च-ओरिएंटेड प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि भारत वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में अग्रणी बन सके। एम्स रायपुर के नेतृत्व ने इस दिशा में कई नवाचारात्मक कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें साक्ष्य-आधारित नर्सिंग प्रैक्टिस, डिजिटल हेल्थ रिसर्च टूल्स और पब्लिक हेल्थ डेटा मैनेजमेंट जैसी पहलें शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह के समापन अवसर पर नर्सिंग की व्याख्याता श्रीमती सुगन्या पी. ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने एम्स रायपुर प्रशासन, अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में यह प्रशिक्षण न केवल नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि रोगी देखभाल प्रणाली को भी और अधिक सशक्त बनाएगा।
शिक्षा, अनुसंधान और सेवा का संगम
एम्स रायपुर ने हमेशा से शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के मानक स्थापित किए हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उसी दृष्टिकोण का विस्तार है, जो बताता है कि संस्थान केवल डॉक्टर तैयार नहीं करता, बल्कि वैज्ञानिक सोच और सामाजिक उत्तरदायित्व से परिपूर्ण विशिष्ट स्वास्थ्य प्रशिक्षित का निर्माण करता है।