Thu. Oct 23rd, 2025

छत्तीसगढ़ में महिला स्वास्थ्य और पोषण के लिए व्यापक पहल, हर जिले में शिविर

Healthbhaskar.com: रायपुर, 26 सितम्बर 2025। छत्तीसगढ़ में आज महिला स्वास्थ्य सम्मेलन दिवस का राज्यव्यापी आयोजन किया गया, जिसने स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता को नई दिशा दी। “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” अभियान के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम ने मातृ स्वास्थ्य, शिशु कल्याण और किशोरी स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर ग्रामीण और शहरी समुदाय तक स्वास्थ्य सुविधाओं का सीधा लाभ पहुँचाया हैं।

राज्यव्यापी आयोजन का व्यापक स्वरूप

कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश के सभी जिलों, ब्लॉकों और ग्राम पंचायतों में हुआ। स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से जगह-जगह स्वास्थ्य जांच शिविर, टीकाकरण सत्र और पोषण संवाद आयोजित किए गए। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (Village Health Sanitation and Nutrition Day) के तहत शिविरों में महिलाओं का हीमोग्लोबिन स्तर, रक्तचाप और शर्करा जांच की गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीकाकरण और पोषण परामर्श दिया। इस अवसर पर 1,889 गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्शियम की खुराक उपलब्ध कराई गई।

शिशु और बाल स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, आज आयोजित कार्यक्रमों में 6,447 शिशुओं की स्वास्थ्य जांच की गई। साथ ही, 23,000 से अधिक टीकाकरण सफलतापूर्वक संपन्न हुए। इससे साफ होता है कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग शिशु और मातृ स्वास्थ्य के लिए गंभीर और संगठित प्रयास कर रहे हैं। शिशुओं की नियमित जांच और टीकाकरण से संक्रामक बीमारियों की रोकथाम सुनिश्चित होगी और बाल मृत्यु दर घटाने में मदद मिलेगी।

किशोरी बालिकाओं के लिए प्रशिक्षण

कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा किशोरी बालिकाओं के लिए आयोजित मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन प्रशिक्षण रहा। स्वास्थ्य टीमों ने बालिकाओं को सेनेटरी नैपकिन का सही उपयोग, संक्रमण से बचाव और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाओं की झिझक और मिथकों को तोड़ने में अहम साबित होगी।

उच्च जोखिम गर्भावस्था और कुपोषण पर फोकस

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगले सप्ताह तक प्रदेश के सभी जिलों में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इनमें उच्च जोखिम गर्भावस्था, कुपोषण और जटिल स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रही महिलाओं की जांच की जाएगी। शिविरों का उद्देश्य उन महिलाओं तक पहुंचना है, जो अक्सर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाती हैं।

सामुदायिक भागीदारी और प्रभाव

महिला स्वास्थ्य सम्मेलन दिवस की सफलता का राज रहा सामुदायिक भागीदारी। ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों ने मिलकर लोगों को जागरूक किया और बड़ी संख्या में महिलाएं, किशोरियां और शिशु इन सेवाओं से लाभान्वित हुए।पोषण संवाद के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि संतुलित आहार, समय पर जांच और नियमित टीकाकरण ही स्वस्थ परिवार की नींव है। ग्रामीण महिलाओं ने भी सक्रिय रूप से प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

सरकार की मंशा और भविष्य की दिशा

कार्यक्रम से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार मातृ और शिशु स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” अभियान के जरिए न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाई जा रही है, बल्कि सामाजिक मानसिकता और स्वास्थ्य व्यवहार में भी बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अगले चरण में जागरूकता के साथ-साथ डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, ताकि हर गर्भवती महिला और शिशु का स्वास्थ्य रिकॉर्ड नियमित रूप से अपडेट और मॉनिटर किया जा सके।

6,447 शिशुओं की जांच और 23,000 से अधिक टीकाकरण

महिला स्वास्थ्य सम्मेलन दिवस ने साबित किया कि जब सरकार, स्वास्थ्य कर्मी और समाज मिलकर काम करते हैं तो स्वास्थ्य सुधार संभव है। 6,447 शिशुओं की जांच और 23,000 से अधिक टीकाकरण केवल आंकड़े नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक बदलाव की दिशा है। इस पहल ने यह संदेश दिया कि महिला स्वास्थ्य केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। यही जिम्मेदारी “स्वस्थ नारी – सशक्त परिवार” के अभियान को गति देती है और छत्तीसगढ़ को स्वस्थ राज्य बनाने का संकल्प सशक्त करती है।

इन्हें भी पढ़े

You cannot copy content of this page