आहार नली में फंसा ब्लेड, डॉक्टरों की तत्परता से मरीज की जिंदगी बची

Healthbhaskar.com: रायपुर, 18 सितम्बर 2025 रायपुर, मानसिक अवसाद से पीड़ित एक मरीज ने ब्लेड निगल लिया, जो पेट में जाने के बजाय आहार नली में अटक गया। इससे मरीज की स्थिति गंभीर हो गई और उसे तत्काल एम्स से मितान अस्पताल लाया गया। यहाँ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने एंडोस्कोपी की मदद से ब्लेड को सफलतापूर्वक बाहर निकालकर मरीज की जान बचाई गयी है।
ब्लेड निकालना बना चुनौती
गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ ने बताया कि यह केस बेहद जटिल था। ब्लेड आहार नली में फंसा हुआ था और थोड़ी सी भी लापरवाही से नली फट सकती थी, जिससे आंतरिक रक्तस्राव और संक्रमण का खतरा था। लेकिन टीम ने सावधानीपूर्वक एंडोस्कोपी की और बिना बड़े ऑपरेशन के ब्लेड बाहर निकाल लिया।
मानसिक तनाव और अवसाद कभी-कभी इंसान को ऐसे कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं, जो जीवन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। राजधानी रायपुर में ऐसा ही एक मामला सामने आया जब अवसादग्रस्त एक युवक ने ब्लेड निगल लिया। ब्लेड पेट में जाने के बजाय आहार नली में फंस गया और मरीज की जान खतरे में पड़ गई। लेकिन डॉक्टरों की सूझबूझ और आधुनिक तकनीक ने उसकी जिंदगी बचा ली गयी। परिजनों ने बताया कि मरीज लंबे समय से डिप्रेशन से जूझ रहा था और उसी तनाव में उसने ब्लेड निगल लिया था। डॉक्टरों ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और इस तरह की घटनाएं मानसिक रोगों की गंभीरता को दर्शाती हैं। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि मानसिक तनाव और अवसाद के मामलों में समय रहते चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य पर चेतावनी
डॉक्टरों ने कहा कि मरीज अवसाद से जूझ रहा था और इसी कारण उसने ब्लेड निगल लिया। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करती है। अक्सर समाज में अवसाद को गंभीरता से नहीं लिया जाता, जबकि समय पर परामर्श और उपचार मिलने से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवार और समाज को मानसिक रोगों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। डिप्रेशन, तनाव और चिंता को केवल मन की कमजोरी न मानकर एक स्वास्थ्य समस्या की तरह देखना चाहिए।
आधुनिक तकनीक से जीवन रक्षा
इस केस ने यह भी साबित किया कि आधुनिक चिकित्सा तकनीक कितनी प्रभावी है। एंडोस्कोपी जैसी प्रक्रियाएं बिना बड़े ऑपरेशन के मरीज की जान बचा सकती हैं। डॉक्टरों ने कहा कि अब मरीज सामान्य रूप से भोजन कर सकता है और उसे छुट्टी भी दे दी गई है।