Thu. Oct 23rd, 2025

मध्य भारत में पहली बार सरकारी अस्पताल में पाईपेक पद्धति से कैंसर रोगी का तीन सत्रों में सफल उपचार

Healthbhaskar.com: रायपुर,13 अगस्त 2025 पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग (क्षेत्रीय कैंसर संस्थान) ने पेट की झिल्ली के कैंसर (Peritoneal Carcinomatosis) के उपचार में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। यहां एक 54 वर्षीय महिला मरीज का पाईपेक (PIPAC: Pressurized Intraperitoneal Aerosol Chemotherapy) तकनीक से सफल उपचार किया गया, जिसमें मरीज ने लगातार तीन सत्र पूरे किए। यह उपलब्धि मध्य भारत के किसी भी सरकारी संस्थान में पहली बार हासिल की गई है।

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पाईपेक एक उन्नत और नवीन तकनीक है, जिसमें कीमोथेरेपी की दवा को अत्यंत सूक्ष्म एयरोसोल कणों के रूप में पेट की गुहा में दबाव के साथ डाला जाता है। इससे दवा सीधे कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचती है और पारंपरिक कीमोथेरेपी की तरह पूरे शरीर में फैलने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। प्रक्रिया केवल दो छोटे छेदों से की जाती है, जिससे मरीज को जल्दी स्वास्थ्य लाभ होता है।

यह उपचार विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिनमें सामान्य कीमोथेरेपी या सर्जरी कारगर नहीं होती। शोध दर्शाते हैं कि पाईपेक से इलाज पाने वाले 60-80% मरीजों में सुधार देखा गया है। इस तकनीक से अधिकांश मरीज एक से अधिक सत्र नहीं ले पाते, लेकिन पं. नेहरू स्मृति चिकित्सालय में उपचार करा रही इस महिला ने तीनों सत्र पूरे किए और अब उनकी स्थिति स्थिर है।

चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने कहा कि यह सफलता आंकोसर्जरी विभाग की चिकित्सक टीम के अनुभव, सूझबूझ और अत्याधुनिक तकनीक के कुशल उपयोग का परिणाम है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत के कैंसर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि पेट की झिल्ली के बढ़े हुए कैंसर में पाईपेक पद्धति से तीन बार की गई कीमोथेरेपी इस संस्थान की चिकित्सा उत्कृष्टता को दर्शाती है और अन्य मरीजों के लिए नई राह खोलती है।

इन्हें भी पढ़े

You cannot copy content of this page