सर जेजे अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर के आत्महत्या प्रयास पर यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र- कड़ी कार्रवाई की मांग

Healthbhaskar.com: मुंबई, 22 जुलाई 2025 सर जेजे अस्पताल, मुंबई में एक 28 वर्षीय महिला रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा आत्महत्या का प्रयास किए जाने की घटना के बाद चिकित्सा क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। इस घटना के विरोध में यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र भेजते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
UDF द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पीड़ित डॉक्टर ने 16 जुलाई 2025 को आत्महत्या का प्रयास किया, जिसका मुख्य कारण विभाग की प्रमुख डॉक्टर द्वारा किया गया कथित मानसिक उत्पीड़न बताया गया है। यह डॉक्टर इस समय आईसीयू में भर्ती है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पत्र में UDF ने आरोप लगाया है कि पीड़िता को लगातार शैक्षणिक असफलता की धमकी दी जाती थी और उसे छुट्टी व कागज़ी कार्य में मामूली गलतियों के लिए दोषी ठहराया जाता था। इसके बावजूद आरोपी डॉक्टर को केवल अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है, जिनके ऊपर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी है ,महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (MARD) पहले ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा चुकी है और उन्होंने आरोपी की स्थायी बर्खास्तगी की मांग की है।
UDF ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रखी निम्नलिखित माँग
- आरोपी पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में मानसिक प्रताड़ना जैसे मामलों में सख्ती बरती जा सके।
- कार्य समय ‘यूनिफॉर्म रेजिडेंसी स्कीम 1992’ के तहत प्रति सप्ताह अधिकतम 48 घंटे कार्य, एक सप्ताहिक अवकाश और वार्षिक अवकाश की व्यवस्था लागू की जाए।
- विशेष प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन सुविधा जिसमे वरिष्ठों द्वारा उत्पीड़न और कार्य समय उल्लंघन की शिकायत के लिए 24×7 हेल्पलाइन स्थापित की जाए।
- पीड़िता की सुरक्षा हेतु मनोवैज्ञानिक परामर्श, सुरक्षित कार्य परिवेश और प्रतिशोध से सुरक्षा दी जाए।
- पारदर्शी जांच हो जिसमे समयबद्ध और निष्पक्ष जांच हो, जिसमें दोषियों को कड़ी सज़ा का प्रावधान हो ।
- प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से संवाद हो एवं हड़ताली डॉक्टर्स से बैठक कर उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार हो।
- व्यवस्थागत सुधार में कार्यस्थल नैतिकता, मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं और उत्पीड़न रिपोर्टिंग की पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाए।
UDF के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल और प्रवक्ता डॉ. यागिका पारीक ने पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए लिखा कि यदि इस मामले में शीघ्र और कठोर कार्रवाई करने ठोस कदम नहीं लिए गए तो इसे प्रशाशन की विफलता मानेंगे और UDF अपने अधिकारों के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगा। यह मामला न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के चिकित्सा संस्थानों में व्याप्त कार्य संस्कृति पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।