भारत में विकसित हुई पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन एफालसीवैक्स

Healthbhaskar.com: 21 जुलाई 2025,नई दिल्ली भारत ने स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के खिलाफ भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन ‘एफालसीवैक्स’ अब तैयार हो चुकी है। यह टीका भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारत बायोटेक के सहयोग से विकसित किया गया है।
यह वैक्सीन प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम पर प्रभावी मानी जा रही है, जो मलेरिया के गंभीर मामलों के लिए जिम्मेदार प्रमुख परजीवी है। फिलहाल इसका उत्पादन शुरू नहीं हुआ है, लेकिन आईसीएमआर एक निजी कंपनी के साथ इसके उत्पादन और वितरण के लिए करार करने की दिशा में काम कर रहा है।
वैक्सीन की खासियत और परीक्षण
एफालसीवैक्स को विकसित करने में वर्षों का अनुसंधान और परीक्षण शामिल है। इस वैक्सीन को दो खुराक में दिया जाएगा और इसके क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे बहुत सकारात्मक रहे हैं। ICMR के अनुसार, यह वैक्सीन 95% तक की प्रभावशीलता दिखा रही है, जिससे भविष्य में मलेरिया नियंत्रण में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है।
भारत की वैश्विक भूमिका
अब तक मलेरिया वैक्सीन के लिए भारत को विदेशी टीकों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन एफालसीवैक्स के आने से भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा चुका है। इस पहल से ना सिर्फ देश में मलेरिया नियंत्रण को बल मिलेगा, बल्कि भारत वैश्विक स्तर पर वैक्सीन निर्माण के क्षेत्र में एक नई पहचान भी बनाएगा। एफालसीवैक्स का विकास भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के वर्षों के समर्पण का परिणाम है। यह स्वदेशी टीका मलेरिया के खिलाफ एक प्रभावी हथियार बन सकता है और स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देगा।