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लंदन में छाया छत्तीसगढ़: डॉ. अभिषेक मेहरा बने मैक्युला स्टडी में भारत के पहले डॉक्टर

Healthbhaskar.com21 जुलाई 2025 रायपुर,छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर गर्व से सिर उठाए खड़ी है। प्रदेश के प्रतिष्ठित नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक मेहरा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करते हुए मैक्युला डिज़ीज़ पर आधारित विशेष स्टडी में भाग लेकर लंदन में आयोजित एक प्रतिष्ठित कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वे इस स्टडी में शामिल होने वाले भारत के पहले डॉक्टर बने हैं।

छत्तीसगढ़ के नेत्र चिकित्सालय, जो वर्ष 1978 से एक चैरिटेबल संस्था के रूप में ज़रूरतमंद मरीज़ों की सेवा करता आ रहा है, अब अपनी सेवाओं और नवाचार के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय पहचान बना चुका है। डॉ. मेहरा द्वारा नेत्र रोग, विशेषकर मैक्युला डिजीज की गहराई से अध्ययन और अनुभव के कारण उन्हें इस स्टडी में शामिल होने का आमंत्रण मिला।

क्या होती है मैक्युला डिजीज?
मैक्युला रेटिना का वह हिस्सा होता है जो रंग, स्पष्टता और केंद्रित दृष्टि के लिए जिम्मेदार होता है। यह आंख का सबसे संवेदनशील भाग होता है। इस हिस्से में समस्या आने पर मैक्युलर एडिमा और डिजेनेरेशन जैसी बीमारियाँ जन्म लेती हैं, जिससे मरीज़ की दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है। डॉ. मेहरा के अनुसार, भारत में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की बहुत कमी है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह दृष्टि हानि का स्थायी कारण बन सकती है। उनका मानना है कि स्थानीय पहचान और उपचार व्यवस्था को बेहतर बनाकर दृष्टिहीनता को काफी हद तक रोका जा सकता है।

लंदन में भारत का प्रतिनिधित्व
2 से 5 जून तक लंदन में आयोजित इस मैक्युला स्टडी कोर्स में डॉ. मेहरा ने डिज़ीज डिज़ाइन की बारिकियों, जटिलताओं और नवीनतम उपचार विधियों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस स्टडी में केवल उन्हीं डॉक्टरों को आमंत्रित किया गया था जिन्हें अपनी क्षेत्रीय सेवाओं में अंतरराष्ट्रीय प्रभाव मिला हो।

राज्य के लिए गौरव का क्षण
डॉ. मेहरा का कहना है, लंदन में भारत और खासकर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गौरव की बात रही। हमारी संस्था वर्षों से बिना अपॉइंटमेंट लाखों मरीज़ों का इलाज कर रही है और अब हमारी पहचान वैश्विक हो रही है। डॉ. अभिषेक मेहरा की यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। यह दर्शाता है कि समर्पण और सेवा के साथ अगर चिकित्सा क्षेत्र में काम किया जाए तो विश्वस्तरीय पहचान प्राप्त की जा सकती है।

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