28 अस्पतालों के निलंबन को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए- डॉ. कुलदीप सोलंकी

हेल्थ भास्कर: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सोलंकी ने प्रेस नोट जरिये जानकारी साझा की सरकार द्वारा कुछ अस्पतालों को आयुष्मान योजना से असंबद्ध किए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ लगातार संवाद के बावजूद, अस्पतालों को हो रही चुनौतियों का समाधान नहीं किया गया है।
सरकार की योजना, जो प्रारंभ में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के रोगियों के लिए थी, अब इसे गरीबी रेखा से ऊपर (APL) के रोगियों के लिए भी विस्तारित किया गया है। हालांकि, सरकारी राशन प्रणाली में BPL और APL के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की जाती हैं, लेकिन आयुष्मान योजना में यह भेदभाव समाप्त कर दिया गया है। अपर्याप्त पैकेज और बढ़ती महंगाई के कारण अस्पतालों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना कठिन हो गया है।
IMA ने निम्नलिखित प्रमुख चिंताओं को उठाया है
२८ अस्पतालों का निलंबन तत्काल समाप्त किया जाए: निलंबित अस्पतालों को पुनः सूचीबद्ध किया जाए ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ मिल सकें। एवं महंगाई को ध्यान में रखते हुए पैकेज को संशोधित किया जाए ताकि अस्पताल उच्च-गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर सकें। अस्पतालों को छह महीने से अधिक समय से भुगतान नहीं किया गया है, जिससे वे वित्तीय संकट में हैं
और उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लंबित भुगतान ब्याज सहित तत्काल जारी किए जाएं। IMA ने सरकार से इस योजना की देखरेख के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित करने का अनुरोध किया है, जिसमें IMA का भी एक प्रतिनिधि शामिल हो।
IMA सरकार से इन सभी मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई करने का अनुरोध करता है। यदि सरकार इन चिंताओं को दूर करने में विफल रहती है, तो IMA को इस योजना से समर्थन वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे गरीब रोगियों की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।