एम्स रायपुर: 6 साल की बच्ची को सांस की नई जिंदगी देने वाली अद्भुत चिकित्सा कहानी…

एम्स रायपुर की अद्भुत चिकित्सा कहानी जिसने 6 साल की बच्ची को नया जीवन दिया:
6 साल की एक बच्ची सांस लेने, बोलने और चलने में दिक्कत की शिकायत लेकर एम्स आई थी और बाद में उसे घरघराहट (स्ट्रिडोर) की समस्या होने लगी, जो जानलेवा हो गई। एम्स के आपातकालीन कक्ष में मरीज को सांस की नली (ट्रेकिआ) की समस्या बताई गई। ) रुकावट थी, जिसका ऑपरेशन (ट्रेकियोस्टोमी) सिर और गर्दन सर्जरी विभाग द्वारा किया गया था, और बाद में वायुमार्ग की एंडोस्कोपी (ब्रोंकोस्कोपी) से पता चला कि मुख्य वायुमार्ग (ट्रेकिआ) के ठीक नीचे एक संकीर्णता थी), एंडोस्कोपी द्वारा श्वास नली के निशान को हटाया गया और ब्रोन्कोस्कोपिक दृष्टि के तहत बैलून ब्रोन्कोप्लास्टी प्रक्रिया द्वारा वायुमार्ग को चौड़ा किया गया। ट्रैकियोस्टोमी ट्यूब को हटा दिया गया और मरीज सामान्य रूप से बोलने और खेलने में सक्षम हो गया। यह प्रक्रिया एम्स रायपुर के पल्मोनरी मेडिसिन और ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग के डॉ. रंगनाथ टी गंगा, डॉ. अजय बेहरा, डॉ. पल्लवी, डॉ. नितेश, डा. राहुल और डॉ. यह डॉ. शिवराज की टीम द्वारा किया गया। बैलून ब्रोंकोप्लास्टी एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जो कठोर ब्रोंकोस्कोपी और स्टेंटिंग जैसी महंगी और जोखिम भरी प्रक्रियाओं से बचाती है। यह प्रक्रिया नियमित रूप से पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में की जाती है। यह तीसरी ऐसी सफल प्रक्रिया है। एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने इस उपलब्धि के लिए एम्स रायपुर के पल्मोनरी मेडिसिन और ट्रॉमा एवं इमरजेंसी विभाग की पूरी टीम की सराहना की है।
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