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अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस: प्रभावित लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए संदेश

हेल्थ भास्कर: हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (International Epilepsy Day) मनाया जाता है। यह दिन मिर्गी (Epilepsy) से प्रभावित लोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में इस बीमारी को लेकर व्याप्त मिथकों को दूर करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

मिर्गी क्या है?

मिर्गी एक तंत्रिका संबंधी विकार (Neurological Disorder) है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं की असामान्य विद्युत गतिविधियों के कारण बार-बार दौरे (Seizures) पड़ते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके कई अलग-अलग प्रकार होते हैं।

वास्तविकता

मिर्गी एक मानसिक बीमारी है। यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसका मानसिक स्वास्थ्य से कोई संबंध नहीं है। यह संक्रामक नहीं होती और न ही किसी के संपर्क में आने से फैलती है।उचित दवाइयों और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

मिर्गी से प्रभावित लोगों के लिए समर्थन और देखभाल

समाज में जागरूकता बढ़ाएं: मिर्गी को लेकर फैले अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए लोगों को शिक्षित करें। मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को सहयोग दें और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। यदि किसी को मिर्गी का दौरा पड़े तो घबराने के बजाय उसे सुरक्षित स्थान पर रखें और डॉक्टर की मदद लें।

अंतर्राष्ट्रीय मिर्गी दिवस हमें यह सिखाता है कि इस विकार से प्रभावित लोगों के प्रति हमें संवेदनशील और जागरूक रहना चाहिए। सही जानकारी और सहयोग से हम मिर्गी से ग्रसित व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि कोई भी बीमारी व्यक्ति की पहचान नहीं होती, बल्कि समाज की सहानुभूति और समझदारी ही उसे एक सम्मानजनक जीवन दे सकती है।

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